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Welcome to the Department of Hindi, University of Delhi.

हिंदी विभाग की स्थापना संस्कृत विभाग के साथ संयुक्त तत्वावधान में संस्कृतज्ञ महामहोपाध्याय पंडित लक्ष्मीधर शास्त्री की अध्यक्षता में सन् 1948 में हुई । 1952 में अंग्रेजी-हिंदी-संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान डॉ॰ नगेन्द्र की अध्यक्षता में हिंदी-विभाग स्वतंत्र रूप से स्थापित हुआ ।
विभाग की स्वतंत्र स्थापना का उद्देश्य यह था कि हिंदी भाषा और साहित्य आदि विभिन्न क्षेत्रों में शोध, शिक्षण-प्रशिक्षण तथा विमर्श आदि स्वतंत्र रूप से किए जा सकें । साथ ही विदेशी विद्यार्थियों को हिंदी भाषा, साहित्य और भारतीय संस्कृति से परिचित कराया जा सके । हिंदी को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए अनुवाद, विदेशी छात्रों के लिए डिप्लोमा/ सर्टिफिकेट, जनसंचार क्षेत्र में पत्रकारिता डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है । इस दिशा में निरंतर विकास हो रहा है । समय-समय पर पाठ्यक्रम, शिक्षण-प्रशिक्षण व शोध को अद्यतन तथा प्रभावशाली बनाने का प्रयास किया जा रहा है ।